Feature Top (Full Width)

Showing posts with label E -WAY बिल क्या होता है इ-वे(E -WAY) बिल ?. Show all posts
Showing posts with label E -WAY बिल क्या होता है इ-वे(E -WAY) बिल ?. Show all posts

E -WAY बिल क्या होता है इ-वे(E -WAY) बिल ?

Wednesday, April 22, 2020

आज हम सीखेंगे इ-वे(E -WAY) बिल क्या होता है इ-वे(E -WAY) बिल ?



इ-वे(E -WAY) बिल एक तरह से इलेक्ट्रॉनिक बिल होता है जो फर्म या कंपनी 50,000 से ज्यादा माल (Goods )सप्लाई करती है तो उसे गवर्मेंट की वेबसाइट पर ऑनलाइन रिकॉर्ड दिखाना पड़ेगा | जैसे क्या आइटम है, कितना उसका रेट है कितना उस पर टैक्स है किस कंपनी से किस जगह माल जा रहा है |


स्टेप 1 :-सबसे पहले आपको https://ewaybill.nic.in/ ये लिंक ओपन करना है इ-वे बिल सिस्टम e - Way Bill System उसके बाद लॉगिन करना है


स्टेप 2 :-सबसे पहले हम इ-वे बिल जनरेट करना सीखेंगे ,इ-वे बिल प्रिंट निकलना ,इ-वे बिल रिपोर्ट निकलना ,इ-वे बिल कैंसल करना






क्या होता है ई-वे बिल में: इस बिल में सप्लायर, ट्रांसपोर्ट और ग्राही (Recipients) की डिटेल दी जाती है। अगर जिस गुड्स का मूवमेंट एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर एक ही राज्य के भीतर हो रहा है और उसकी कीमत 50,000 रुपए से ज्यादा है तो सप्लायर (आपूर्तिकर्ता) को इसकी जानकरी जीएसटीएन पोर्टल में दर्ज करानी होगी।




कितनी अवधि के लिए वैलिड होता है यह बिल:
यह बिल बनने के बाद कितने दिनों के लिए वैलिड होता है, यह भी निर्धारित है। अगर किसी गुड्स (वस्तु) का मूवमेंट 100 किलोमीटर तक होता है तो यह बिल सिर्फ एक दिन के लिए वैलिड (वैध) होता है। अगर इसका मूवमेंट 100 से 300 किलोमीटर के बीच होता है तो बिल 3 दिन, 300 से 500 किलोमीटर के लिए 5 दिन, 500 से 1000 किलोमीटर के लिए 10 दिन और 1000 से ज्यादा किलोमीटर के मूवमेंट पर 15 दिन के लिए मान्य होगा।


विक्रेता (seller) को देनी होगी जानकारी:
इस बिल के अंतर्गत विक्रेता (वस्तु के बेचने वाला) को जानकारी देनी होगी की वो किस वस्तु को बेच रहा है, वहीं खरीदने वाले व्यक्ति को जीएसटीन पोर्टल पर जानकारी देनी होगी कि उसने या तो गुड्स को खरीद लिया है या फिर उसे रिजेक्ट कर दिया है। हालांकि अगर आप कोई जवाब नहीं देते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि आपने वस्तु को स्वीकार कर लिया है।


एक्सीडेंट (दुर्घटना) होने की सूरत में क्या होगा:
मान लीजिए जिस व्हीकल से सामान एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचाया जा रहा है वह अगर किसी दुर्घटना का शिकार होता है तो इस सूरत में आपको सामान दूसरे व्हीकल में ट्रांसफर करने के बाद एक नया बिल जनरेट करना होगा।


कैसे काम करेगा ई-वे बिल:
जब आप (विक्रेता) ई-वे बिल को जीएसटीएन पोर्टल पर अपलोड करेंगे तो एक यूनीक ई-वे नंबर (ईबीएन) जनरेट होगा। यह सप्लायर,ट्रांसपोर्ट और ग्राही (Recipients) तीनों के लिए होगा।


एक ट्रक में कई कंपनियों का सामान: मान लीजिए अगर किसी एक ट्रक में कई कंपनियों का सामान जा रहा है तो ट्रांसपोर्टर को एक कंसालिडेटेड बिल बनाना होगा। इस बिल के अंदर सारी कंपनियों के सामान की अलग–अलग डिटेल होनी चाहिए।