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Golden Rules of accounting

Friday, October 20, 2023

 


Golden Rules Of Accounting ?

लेखांकन के 3 सुनहरे नियम | 3 Golden Rules of Accounting in Hindi

लेखांकन के 3 सुनहरे नियम (3 Golden Rules of Accounting in Hindi) वित्तीय व्यवसाय लेनदेन (Financial Transaction) के लिए दिन प्रतिदिन दर्ज (Day to Day Record) करने का आधार हैं।

जिस पुस्तक या खाते में हम इन सभी लेनदेन (Transaction) को दर्ज  करते हैं उसे जर्नल बुक (Journal Book) के रूप में जाना जाता है।

जर्नल बुक (Journal Book) को कालानुक्रमिक क्रम में रखा गया है (अर्थात दिनांक वार / Date wise)।

खाते के सुनहरे नियमों (Golden Rules of Accounting in Hindi) को समझने के लिए, पहले, हमें खातों के प्रकार (Types of Account) को जानना होगा क्योंकि खाते के प्रकार के आधार पर लेनदेन के लिए नियम लागू होते हैं।

Types of Account in Hindi | 

लेखांकन के सुनहरे नियमों के अनुसार, खातों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है।

 Personal Account (व्यक्तिगत खाता)Real Account (वास्तविक खाता)Nominal Account (नाममात्र खाता)
DebitThe Receiver (पानेवाले/ प्राप्तकर्ता)What Comes In (जो आता है)All Expenses and Losses (सभी खर्चों और नुकसान)
CreditThe Giver (देनेवाले/ देता)What Goes Out (जो जाता है)All Income and Gains (सभी आय और लाभ)
Types of Account in Hindi

चलिए इसे थोड़ा और सरल और आसान बनाते है, जिससे इसे समझने मे हमे काफी आसानी होगी।

 Who (कौन) Personal Account (व्यक्तिगत खाता)What (क्या) Real Account (वास्तविक खाता)Why (क्यों) Nominal Account (नाममात्र खाता)
Example (उदहारण)Firm (व्यवसाय-संघ),
Person (व्यक्ति),
Company(कंपनी)
Goods (माल),
Furniture (फर्नीचर)
Money (पैसे)
Interest (ब्याज)
Commission (आयोग)
Discount (छूट)
DebitReceiver (पानेवाला)Comes In (जो आ रहा है)For expenses (खर्चो के लिए)
CreditGiver (देनेवाला)Goes Out (जो जा रहा है)From Income (आय या आमदनी से)
Types of Account in Hindi

3 Golden Rules of Accounting in Hindi

लेखांकन (Accounting) में किसी भी प्रविष्टि (entry) को हम इन तीन व्यापक श्रेणियों (3 category) में से किसी एक के अंतर्गत ही दर्ज करते है:

  • क्या (Real / वास्तविक),
  • कौन (Personal / व्यक्तिगत) और,
  • क्यों (Nominal / नाममात्र)

इसलिए मूल रूप से, यह बताता है कि:

  • Nominal Account: लेनदेन क्यों (Why) हुआ है;
Nominal Account
  • Real Account: क्या (What) वस्तुएं बाहर आ रही हैं या बाहर जा रही हैं।
Real Account
  • Personal Account: कौन (Who) प्राप्त कर रहा है या दे रहा है।
Personal Account

उदाहरण के लिए, आपने 25,000 नकद देकर कंप्यूटर खरीदा।

यहां, आप एक कंप्यूटर प्राप्त कर रहे हैं, इसलिए इसे Debit किया जायेगा, और नकद को Credit किया जाना चाहिए क्योंकि यह बाहर जा रहा है।

इसे तर्क के आधार पर समझते है, सरल भाषा में कंप्यूटर खरीद का उपरोक्त लेनदेन (Transactio) बन जाता है।-

क्या खरीद? – Computer (कंप्यूटर), इसलिए Debit हो गया।

क्या अदा किया? – Cash रुपये, इसलिए Cash को Credit किया गया।

इसके बारे में सुनिश्चित करने के लिए एक और उदाहरण लेते हैं। नकद में 5,000 का बिजली बिल भुगतान किया।

पैसा क्यों चुकाया गया? – बिजली खर्च के लिए, इसलिए बिजली को Debit किया गया।

क्या अदा किया? Cash रुपये, इसलिए कैश को Credit किया गया।

अगली बार जब आप Debit और Credit के बारे में उलझन में हों, तो बस याद रखें क्या, कौन और क्यों

Debit and Credit Golden Rules of Accounting in Hindi

चलिए अब इसे विस्तार में सझते है।

क्या आप अभी भी Debit और Credit के बारे उलझ गए हो?

अगर  हां, आप में से कुछ की तरह, यहां तक ​​कि मैं भी अपने शुरुआती दिनों में हैरान था।

इसमें उनलझने जैसी कोई बात नहीं शुरुवात में थोड़ी परेशानी हर किसी को आती है।

लेकिन नीचे कुछ तर्क और नियमो का पालन करने के बाद, हम डेबिट और क्रेडिट पर अपनी समझ कायम कर पाएंगे और उसके बाद, हम इसका हर बार सही ढंग से इस्तेमाल करेंगे।

लेखांकन के सुनहरे नियमों (Golden Rules of Accounting) के साथ शुरुआत करने के बजाय, हमें निचे दिए गए Debit और Credit को Table में समझने की कोशिश करेंगे

DebitCredit
Positive (+) (सकारात्मक (+))Negative (-) (नकारात्मक (-))
Come (आनेवाला)Go (जानेवाला)
Receive (प्राप्त करना)Give (देना)
Receiver (प्राप्त करनेवाला)Giver (देनेवाला)
Deposit (जमा करना)Withdraw (निकालना या लेना)
Increasing (बढना या बढ़ रहा है)Decreasing (घटना या घट रहा है)

Tally Prime With GST Returns Course in Hindi

उपरोक्त Table से, यह स्पष्ट है कि यह अब न तो एक सिद्धांत है और न ही एक उलझने वाले विषय है – यह सिर्फ तर्क और तर्क है। संक्षेप में – डेबिट आनेवाला/ जमा के बारे में है और क्रेडिट सभी जानेवाला / निकासी या निकालने के बारे में है।

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निष्कर्ष: आपने क्या सीखा?

आज के इस आर्टिकल मे आपने 3 Golden Rules of Accounting in Hindi मे सीखा। जिसमे आपने Personal, Real और Nominal Account के बारे मे जाना। Account मे इन 3 accounts के अंदर किस तरह की एंट्री दर्ज की जाती है उसकी जानकारी प्राप्त की।

3 Golden Rules of Accounting in Hindi को सीखने के बाद आपको Tally के Vouchers मे एंट्री पास करने मे बड़ी आसानी होती है।



Golden Rules Of Accounting क्या है ? Golden Rule kya hai ? Use of Golden rule in tally

Thursday, April 9, 2020

Golden Rules Of Accounting क्या है ? चलो हम  इनको विस्तार से समझते है 



व्यक्तिगत लेखा(Personal Account)


व्यक्ति एवं संस्था से सम्बंधित लेखा को व्यक्तिगत लेखा कहते है । जैसे मोहन का लेखा, शंकर वस्त्रालय का लेखा व्यक्तिगत लेखा हुआ ।
व्यक्तिगत लेखा का नियम (Rule of Personal Account)

पाने वाले को नाम (Debit The Receiver)
देने वाले को जमा (Credit The Giver)

स्पष्टीकरण :
जो व्यक्ति कुछ प्राप्त करते हैं उन्हें Receiver कहा जाता है और उन्हें Debit में रखा जाता है । जो व्यक्ति कुछ देते है, उन्हें Giver कहा जाता है और उन्हें Credit में रखा जाता है।

उदाहरण :
मोहन को 1000 रुपया दिया गया, मोहन 1000 रुपया ले रहा है वह Receiver हुआ इसलिए उन्हें Debit में रखा जायेगा ।
सोहन से 1000 रुपया प्राप्त हुआ । सोहन 1000 रुपया देय रहा है वह Giver हुआ । इसलिए उन्हें Credit किया जायेगा ।

for example :- Ram purchase goods in cash Rs. 2000 (यहा पर राम ने माल 2000 रूपए मे ख़रीदा तो राम यहा पे प्राप्तकर्ता है)
sale goods to sham at rupees 3000 (यहा पर शाम को माल बेचा है तो शाम के account को credit करेंगे )


वास्तविक लेखा (Real Account)


वस्तु एवं सम्पति से संबंधित लेखा को वास्तविक लेखा कहतें है । जैसे रोकड़ का लेखा, साईकिल का लेखा वास्तविक लेखा हुआ ।
वास्तविक लेखा का नियम (Rule of Real Account)

जो आवे उसे नाम (Debit what comes in )
जो जावे उसे जमा (Credit What goes out)

स्पष्टीकरण :
व्यवसाय में जो वस्तुएँ आती है उसे Debit में रखा जाता है और व्यवसाय से जो वस्तुएँ जाती है उसे Credit में रखा जाता है ।

उदाहरण :
For example :-
 purchase goods Rs. 2000 in cash (यहाँ पर माल business मे आ रहा है तो हम purchase को debit करेंगे  और cash जा रहा है तो हम इसको credit करेंगे  )


अवास्तविक लेखा (Nominal Account)


खर्च एवं आमदनी से सम्बन्धित लेखा को अवास्तविक लेखा कहा जाता है । जैसे किराया का लेखा, ब्याज का लेखा अवास्तविक लेखा हुआ ।

अवास्तविक लेखा का नियम (Rule of Nominal Account)

सभी खर्च एवं हानियों को नाम (Debit all expenses and losses)
सभी आमदनी एवं लाभों को जमा (Credit all incomes and gains)

व्यवसाय में जो खर्च होता है उसके नाम को Debit किया जाता है । इसी प्रकार जो आमदनी होता है उसके नाम को Credit किया जाता है ।

उदाहरण :

For example:- paid office phone bill in cash Rs. 4000 (यहा पर office phone बिल  expenses है इसको debit करेंगे  )received commission Rs 1600 (यहा पर commission income के रूप मे प्राप्त हो रहा  है इसलिए  इसको credit किया  है )