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Golden Rules Of Accounting क्या है ? Golden Rule kya hai ? Use of Golden rule in tally

Thursday, April 9, 2020

Golden Rules Of Accounting क्या है ? चलो हम  इनको विस्तार से समझते है 



व्यक्तिगत लेखा(Personal Account)


व्यक्ति एवं संस्था से सम्बंधित लेखा को व्यक्तिगत लेखा कहते है । जैसे मोहन का लेखा, शंकर वस्त्रालय का लेखा व्यक्तिगत लेखा हुआ ।
व्यक्तिगत लेखा का नियम (Rule of Personal Account)

पाने वाले को नाम (Debit The Receiver)
देने वाले को जमा (Credit The Giver)

स्पष्टीकरण :
जो व्यक्ति कुछ प्राप्त करते हैं उन्हें Receiver कहा जाता है और उन्हें Debit में रखा जाता है । जो व्यक्ति कुछ देते है, उन्हें Giver कहा जाता है और उन्हें Credit में रखा जाता है।

उदाहरण :
मोहन को 1000 रुपया दिया गया, मोहन 1000 रुपया ले रहा है वह Receiver हुआ इसलिए उन्हें Debit में रखा जायेगा ।
सोहन से 1000 रुपया प्राप्त हुआ । सोहन 1000 रुपया देय रहा है वह Giver हुआ । इसलिए उन्हें Credit किया जायेगा ।

for example :- Ram purchase goods in cash Rs. 2000 (यहा पर राम ने माल 2000 रूपए मे ख़रीदा तो राम यहा पे प्राप्तकर्ता है)
sale goods to sham at rupees 3000 (यहा पर शाम को माल बेचा है तो शाम के account को credit करेंगे )


वास्तविक लेखा (Real Account)


वस्तु एवं सम्पति से संबंधित लेखा को वास्तविक लेखा कहतें है । जैसे रोकड़ का लेखा, साईकिल का लेखा वास्तविक लेखा हुआ ।
वास्तविक लेखा का नियम (Rule of Real Account)

जो आवे उसे नाम (Debit what comes in )
जो जावे उसे जमा (Credit What goes out)

स्पष्टीकरण :
व्यवसाय में जो वस्तुएँ आती है उसे Debit में रखा जाता है और व्यवसाय से जो वस्तुएँ जाती है उसे Credit में रखा जाता है ।

उदाहरण :
For example :-
 purchase goods Rs. 2000 in cash (यहाँ पर माल business मे आ रहा है तो हम purchase को debit करेंगे  और cash जा रहा है तो हम इसको credit करेंगे  )


अवास्तविक लेखा (Nominal Account)


खर्च एवं आमदनी से सम्बन्धित लेखा को अवास्तविक लेखा कहा जाता है । जैसे किराया का लेखा, ब्याज का लेखा अवास्तविक लेखा हुआ ।

अवास्तविक लेखा का नियम (Rule of Nominal Account)

सभी खर्च एवं हानियों को नाम (Debit all expenses and losses)
सभी आमदनी एवं लाभों को जमा (Credit all incomes and gains)

व्यवसाय में जो खर्च होता है उसके नाम को Debit किया जाता है । इसी प्रकार जो आमदनी होता है उसके नाम को Credit किया जाता है ।

उदाहरण :

For example:- paid office phone bill in cash Rs. 4000 (यहा पर office phone बिल  expenses है इसको debit करेंगे  )received commission Rs 1600 (यहा पर commission income के रूप मे प्राप्त हो रहा  है इसलिए  इसको credit किया  है )




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