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What to do after 12th?12th के बाद क्या करे ? kya software engineering ke baad job mil jaayegi?

Thursday, April 16, 2020


12th के बाद क्या करे


जो भी अपनी स्कूलिंग ख़तम करता है तो यही सोचता है की 12th बाद क्या करू जिस से मेरा करियर अच्छा बन सके ।आज में आपको बताने जा रहा हूँ कुछ ऐसी बाते जिस से आप एक अच्छी पोस्ट और अच्छी इनकम के साथ अपनी लाइफ इंजोय कर पाओ ,आज का टाइम टेक्नोलॉजी का टाइम है हर कोई कंप्यूटर में अपनी लाइफ सेट करना चाहता है तो आज में कुछ ऐसी चीजे बता रहा हूँ की आप कंप्यूटर से लाखो इनकम ले सकते हो


1. वेब डिजाइनिंग :-


वेब डिजाइनिंग एक मात्र ऐसा कोर्स है जो आज के टाइम में सबसे बेस्ट है


Web Designing क्या है और Web Designer कैसे बने?

अगर आप एक बेहतर Career option की तलाश कर रहे है, तो Web Designing kya hai? वेब डिजाइनिंग क्या है और एक professional web designer कैसे बने? इस बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। India में ज्यादातर लोग Job या तो Government sector में करना पसंद करते है या फिर किसी private company में परन्तु आजकल इन सब से बढ़कर एक बेहतरीन विकल्प web designing है। इस क्षेत्र में न केवल पैसा है बल्कि बहुत बड़े career scope की संभावना भी है।


लेकिन यह राह इतनी आसान नही है, क्योंकि एक web designer के पास creative skills और technical abilities होनी चाहिए। जिससे वह एक बेहतरीन website को बना पाए। तो अब सवाल यह उठता है कि Web designing सीखने की शुरुवात कैसे करी जाए। इसके लिए जरूरत है सही दिशा निर्देश की जैसे एक web designer के रूप में आपको किन language और tools के इस्तेमाल को सीखना चाहिए? इसमे क्या आता है? इसके लिए कौन से course आवश्यक है।

इसके अलावा भी बहुत सी चीजें है जिनकी knowledge आपको होनी चाहिए। इस पोस्ट में उन सभी दिशा निर्देशो के बारे में जानकारी दी गयी है, जो आपको web designing सीखने में मदद करेगी। तो चलिए सबसे पहले जानते है,Web designing क्या है? उसके बाद बाकी चीजो को समझेंगे।


वेब डिजाइनिंग क्या है (What is Web Designing)?

Website बनाने की process को “web designing” कहा जाता है। इसमे web page, layout, content production और graphic design सहित कई चीजें आती है। इसे Web development process भी कहा जा सकता है। इसके अंतर्गत वेबसाइट को attractive और उपयोग करने में आसान बनाने के लिए user interface और अन्य visual imagery जैसे factors पर ध्यान दिया जाता है। एक Web designer किसी website को build करने के लिये कई software tool और language का इस्तेमाल करते है।

वेबसाइट को HTML नामक markup language द्वारा बनाया जाता है। इसके Html tag एक वेबसाइट के structure को बनाने में अहम भूमिका निभाते है। web-page के भीतर element layout के स्वरूप को design करने के लिए CSS का उपयोग किया जाता है। Internet पर मौजूद सभी वेब पेज HTML व CSS के इस्तेमाल से ही बनाये गए है। कुल मिलाकर web designing में यह तय होता है, कि कोई web page एक browser में कैसे दिखाई देगा।



वेब डिजाइनिंग में क्या आता है।

Website निर्माण करना – Web designing का मूलतः अर्थ वेबसाइट के निर्माण से ही है। एक web designer बहुत Attractive और fully functional website बनाने में निपुर्ण होता है। इसके अंतर्गत आपको fast और responsive website कैसे बनाये इस बारे में बताया जाता है।


Graphic Design –
वैसे ग्राफिक डिज़ाइन एक अलग विषय है, परन्तु यह वेब डिजाइनिंग के अंतर्गत ही आता है। यह संदेशो के सवांद करने के लिए visual content बनाने का शिल्प है। Visual hierarchy और page layout technique को लागू करते हुवे web designer उपयोगकर्ता की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए typography और चित्रों का उपयोग करते है साथ ही user experience को अनुकूलित करने के लिये interactive design में elements को प्रदर्शित करने के तर्क पर ध्यान केंद्रित करते है।


Page Structure तैयार करना – एक वेबसाइट के page structure को आप उसकी बुनियाद भी कह सकते है। एक web designer का अहम रोल site structure को बेहतर बनाना होता है। web designing के अंतर्गत वेबसाइट की पूरी संरचना को तैयार किया जाता है, यह काम HTML के इस्तेमाल से होता है।
Websites का design करना – किसी web page में text, colour, font style, column size, sidebar, layout design यह सब web designer द्वारा fix किये जाते है। इसमे Cascading style sheet (CSS) का इस्तेमाल होता है। इसको HTML document में embedded करके web-page के पूरे design में बदलाव किया जा सकता है।



Content Production – Article, eBook या Blogspot को लिखने या उसके निर्माण करने की प्रक्रिया को content production कहा जाता है। Content के बारे में research, analysis और उसको लिखने की strategy यह सब web designing का ही एक part है।



Site Maintenance करना – वेबसाइट के बेहतर काम करने के लिए उसकी maintenance बहुत जरूरी है। इसीलिए web designing के अंतर्गत site में होने वाली mistakes और issues को नियमित रूप से check किया जाता है और उसमें होने वाली गलतियों को सुधारा जाता है।


Web Designer कैसे बने?

कोई भी business चाहे वह छोटे स्तर पर हो या बड़े स्तर पर उसके लिए लोगो तक पहुचने का सबसे बड़ा तरीका online marketing है। उपयोगकर्ता किसी भी चीज को खरीदने से पहले उसके बारे में इंटरनेट पर ढूंढता है और उसके हिसाब से ही निर्णय लेता है। इसीलिए आज किसी भी Company की marketing strategy में web design शामिल है।


एक वेबसाइट के बिना कोई भी कंपनी इस modern word में grow नही कर सकती। इसलिए आजकल web designer की मांग बहुत ज्यादा है और यह future में और बढ़ेगी। तो चलिए जानते है कि आप एक web designer बनने की शुरुवात कैसे कर सकते है।



Photoshop का इस्तेमाल सीखे

Photoshop एक photo editing, image creation और graphic design software है। किसी भी वेबसाइट या web-page को बनाने से पहले उसके पूरे structure को कि वह कैसी दिखेगी यह सब Photoshop में design किया जाता है। मुख्य रूप से Photoshop आपके वेब पेज का final output दिखाता है। यह हमें एक idea देता है ताकि हम अपने web page के design pixel को सही बना सके।


यह जरूरी है किसी भी web page को बनाने से पहले उसका एक demo तैयार कर लिया जाए जिससे हम उसे देख कर उसकी coding शुरू कर सके। मेरे अनुसार एक अच्छे web designer बनने के लिए आपको Photoshop सीखना चाहिए।



HTML & CSS को सीखे

अगर आप web designing में successful होना चाहते है, तो HTML, CSS जैसी language को सीखना अनिवार्य है। क्योंकि यह web की foundational language है। Html एक markup language है जिसका उपयोग web page को विकसित करने में किया जाता है। वही CSS क्या है यह ऐसी भाषा है। जो html में लिखे गये दस्तावेजों की प्रस्तुति को परिभाषित करता है। अगर आप एक web designer बनना चाहते है।


तो आपके लिए html व css का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। इसको सीखने के लिए आपको इनकी मूल बाते जाननी होगी और web page बनाने में इनका उपयोग कैसे किया जाता है। इसकी पूरी जानकारी इकट्ठा करनी होगी।


JavaScript व JQuery को सीखे।

अगर आप एक beginners है, तो यह जरूरी नही कि आप शुरुवात में JavaScript या JQuery सीखे। परन्तु यह बात आपको ध्यान में रखनी चाहिए कि एक बेहतर web designer बनने के लिए इन दोनों का आना बहुत जरूरी है। तो सबसे पहले JavaScript क्या है यह client side scripting language है या कहे एक computer programming language है, जो internet browser के अंदर चलती है।


वही JQuery एक JavaScript library है। यह बहुत lightweight होती है, इसको सीखने के बाद आपका JS Code लिखने का काम बहुत कम हो जाता है। JavaScript के साथ JQuery सीखना आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा। अगर आप website बनाने के लिये जावास्क्रिप्ट के साथ इसे इस्तेमाल करते है, तो यह उसे बहुत आसान बना देगा।



Web Designing Trend को समझिये

Web designing में एक उज्ज्वल भविष्य के लिए सिर्फ website बनाने से काम नही चलता बल्कि आपको बहुत aware और creative होने की जरूरत है। कोई भी कंपनी या client तभी आपसे service लेंगे जब आप उनको web designing trend के हिसाब से वेबसाइट बनाके देंगे। कोई भी नए trend के आते ही इसका सीधा असर web designing के क्षेत्र में पड़ता है और उसकी मांग एकदम से बढ़ जाती है।


इसीलिए एक web designer होने के नाते आपको इसके साथ बने रहना होगा तभी आप इसमे अपनी उपस्थिति दर्ज करा पाएंगे। आप web designing trend को internet के माध्यम से भी जान सकते है। कई ऐसे blog उपलब्ध है, जो आपको इनके बारे में सटीक जानकारी मुहैया कराते है। अगर चाहे तो आप किसी web designer से मदद भी ले सकते है।


Web Designing Tool का इस्तेमाल सीखे

किसी भी क्षेत्र में tools बहुत उपयोगी होते है, क्योंकि यह हमारे कार्य को सरल कर देती है। वैसे ही web designing में कई design software tool उपयोग किये जाते है। जैसे Photoshop व Mockplus का उपयोग prototype और icon design में किया जाता है। Adobe Illustrator एक बहुत अच्छा vector graphics processing tool है।


जिसका उपयोग font design, product packaging design, graphic design और layout design में किया जाता है। हालांकि अब कई web browser में website design करना सम्भव हो सका है। परन्तु एक web designer को कई आवश्यक web design software का इस्तेमाल सीखना चाहिए।


Web Designing Process को Correct करना

जैसा मैने पहले कहा Web designing सिर्फ Code लिखने के बारे में नही है, बल्कि यह वह क्षेत्र है जहाँ आपको बहुत creative होकर कार्य करना पड़ता है। web designing process इसका एक अहम हिस्सा है आपको Websites बनाते वक्त हर चीज के बारे में गहराई से सोचना होता है। यह ज्यादातर दोहराव वाला काम है। आप लगभग हर Project में अपने आप को वही काम करते हुवे पाएंगे।


इसीलिये website design करते वक्त development process का अनुसरण करने पर आपके काम मे तेजी आ सकती है और आपके client को project में आपकी भूमिका समझने में मदद मिल सकती है। इस प्रक्रिया को समझने से आप अपने कार्य को बेहतर व्यवस्थित कर पाते है, जिससे किसी project की समयरेखा को गति मिल सकती है और विकास के लिए एक स्वंतत्र व्ययसाय तैयार हो सकता है।


असल मे यह एक web design project को पूरा करने के लिए शुरू से अंत तक उठाये जाने वाले कदमों की एक रूपरेखा है। इसमे कई चीजें आती है, जैसे Planing, Design इत्यादि।


Web designing tips को follow करे

किसी वेबसाइट की सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारको में एक है, Web design। किसी भी वेबसाइट की विश्वनीयता को जानने के लिए सबसे पहले उपयोगकर्ता उसके design को देखते है। अगर आप इसकी शुरुआत कर रहे है, तो आपको कई दूसरे अनुभवी web designers से इसके बारे tips जरूर लेनी चाहिए।
  • प्रोटोकॉल क्या है इसका उपयोग
  • हार्डवेयर क्या है

Computer क्या है Computer कंप्यूटर के प्रकार ?

इसके ऊपर इंटरनेट पर मौजूद ब्लॉग को पढ़ना चाहिये। इस चीज पर आपको ज्यादा ध्यान देने की जरूरत इसीलिये है, क्योंकि उपयोगकर्ता पर Website का design एक शक्तिशाली प्रभाव डाल सकता है। इन web designing tips का अध्ययन करने से आपको पता चलता है, किस तरह से आप अपनी Skills को improve कर सकते है।


Web designer बनने के लिए Qualification

नए लोगो के मन मे यह सवाल अक्सर उठता है, की web designing में अपने career की शुरुवात करने के लिए हमारी qualification क्या होनी चाहिए। शुरुवात करने के लिए आप 10 या 10+2 pass करने के बाद इसमे जा सकते है। अगर आप graduate है, तो आपकी degree भी आपके काम आ सकती है। इसके लिए आप अतिरिक्त diploma course या Computer science में degree भी ले सकते है।


Web designer बनने के लिए आपको HTML, CSS, JavaScript जैसी language के बारे में जानने की भी आवश्यकता है। कई software के उपयोग के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। Coding और scripting में ज्ञान आपको इसके क्षेत्र में एक अच्छे भविष्य की बढ़त देता है। Computer और Internet के क्षेत्र में कुछ basic knowledge आपको और benefit दे सकते है।


वेब डिजाइनिंग सीखने के लिए कोर्स

Web designing का course लेना बहुत ही आसान है। यह जरूरी भी है, एक web designer के रूप में अपने पेशे को शुरू करने से पहले आपको इसके लिए important course लेने चाहिए। अगर आप कही से प्रशिक्षण लेते है, तो आपको इसका बहुत बड़ा फायदा मिलता है। यह सिर्फ content और image को दिखाने के लिए web-page create करने के बारे में नही है।




2. एकाउंटिंग एक्सपर्ट कोर्स टैली :-


टैली एक एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है जिसकी हेल्प से आप सक्सेसफुल अकाउंटेंट बन सकते हो तो आईये इसको समझते है ।

What is Tally in Hindi? । Tally क्या है?

Tally कुछ की निरंतर गिनती है। जब आप Accounting के क्षेत्र में काम करना शुरू करते हैं तो आपके Interview में पूछे गए पहले Question या किसी के द्वारा आप जानते हैं कि Tally का उपयोग कैसे करें? कुछ हां जवाब दे सकते हैं और कुछ शायद कहें। यदि आप नहीं जानते कि What is Tally in Hindi का उपयोग कैसे करें, तो परेशान न हों।
यह What is Tally Tutorial आपको हिंदी में टैली को समझने में मदद करेगा। Tally एक software है जो सभी फर्म द्वारा अपने Accounting work को ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है।



Tally लैटिन शब्द “stick” से आया क्योंकि लोग छड़ को चिह्नित करके चेक रखना चाहते थे। उदाहरण के लिए, 2 हॉकी टीमों के बीच स्कोर 15-20 है। तो 15-20 प्रत्येक टीम द्वारा बनाए गए लक्ष्यों की गिनती है। दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि हम प्रत्येक टीम द्वारा बनाए गए गोलों का कोई तालमेल नहीं रखते हैं।


Introduction to What is Tally

आजकल हर बड़ी फर्म का अपना software (SAP की तरह) होता है जिसमें वे अपना Accounting work करते हैं। Tally small और medium आकार की व्यावसायिक फर्म द्वारा उपयोग किया जाने वाला सॉफ्टवेयर है। इस सॉफ्टवेयर का काम वही है और कंपनी से कंपनी में भिन्न नहीं है। तो हिंदी में टैली सीखना वह है जिसे हम Accounting job करने के लिए बुनियादी सीखने के रूप में कहते हैं।


Tally भारत में इस्तेमाल होने वाले सबसे लोकप्रिय Accounting सॉफ्टवेयर में से एक है। टैली को “एक Accounting सॉफ्टवेयर के रूप में परिभाषित किया गया है जो सभी व्यवसाय और व्यक्तिगत संचालन या लेनदेन रिकॉर्ड करता है।” छोटे और मध्यम आकार की व्यावसायिक फर्म के लिए डिज़ाइन किया गया एक सॉफ्टवेयर। लेकिन क्या आपको पता है कि टैली सिर्फ एक सॉफ्टवेयर नहीं है? टैली इसके नाम से कहीं अधिक है। ERP 9 संस्करण की रिहाई के साथ, टैली की क्षमता और कार्यप्रणाली बढ़ रही है और विस्तारित है।


Tally in Hindi

इसकी सादगी के कारण एक Tally software है। टैली Accounting सुविधाओं के अच्छे स्पर्श के साथ एक Enterprise Resource Planning (ERP) प्रणाली है। टैली के पास Accounting के अलावा अन्य सुविधाएं हैं, लेकिन लेखांकन पर इसकी धारणा वास्तव में उल्लेखनीय है। जब आप अपना व्यवसाय शुरू करते हैं और व्यक्तिगत खाता बनाए रखने के लिए टैली का उपयोग किया जाता है।


Tally एक बहु-कार्यात्मक सॉफ्टवेयर है जो Inventory management, Accounting, Payroll preparation, और cost center management, multiple currency functions, Billing, Banking, Taxation, Reporting, Ratio Analysis, आपकी पसंदीदा GST Calculations और कई जैसे कई संचालन करता है।



Features of Tally:

टैली की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसकी जटिलताओं, अपवाद और अद्वितीय आवश्यकताओं है। यह सभी जरूरतों को संभालने के लिए टैक्सी लचीला बनाता है। हिंदी में टैली की आवश्यकता भी बढ़ती है क्योंकि कारोबार अपने पैमाने पर बढ़ता है।


एक और सॉफ्टवेयर टैली की तरह भी daily accounting, Balance sheet finalization, Inventory Maintenance, Tax filing आदि के लिए विभिन्न रिपोर्ट तैयार करने जैसी अपनी विशेषताएं हैं।

1। टैली के साथ काम करना सरल है क्योंकि कोई प्रक्रिया पूर्वापेक्षाएँ नहीं हैं या अनुसरण करने के लिए सेट हैं।

2। व्यवसाय की आवश्यकता को अपनाना जो इसे लचीला बनाता है।

3। बैलेंस शीट, लाभ और हानि बयान जैसे रीयल-टाइम रिपोर्ट प्राप्त करना। इसका मतलब बहुत तेज गति से है।

4। आप हमेशा इस सॉफ्टवेयर पर भरोसा कर सकते हैं क्योंकि आपका डेटा सुरक्षित और सुरक्षित है और साथ ही अद्यतित है। यह वायरस के हमलों से प्रतिरक्षा है।

5। अपने फ़ोल्डर का ऑटो बैकअप।

6। लाभ और हानि खाता किसी भी अवधि के लिए तैयार किया जा सकता है

7। Income Tax on Salary

8। लंबित आदेशों का ट्रैकिंग। और कई और विशेषताएं।


टैली के Benefits – What is Tally?

1। Manage Accounts easily: टैली आसानी से व्यापार के अनूठे तरीकों से गोद लेती है। इसलिए आप अपने कामकाज का प्रबंधन कर सकते हैं, विस्तार से किसी भी खाते का पक्षियों का नजरिया प्राप्त कर सकते हैं, कोई निर्णय लेने से पहले रिपोर्ट प्राप्त करें।

2। One-stop GST solution: चूंकि हमारी कर प्रणाली में GST को शामिल करने के बाद से, आप अपने GST को भरने या वापसी के लिए और कई अन्य लोगों के बारे में एक अराजकता थी। टैली ने सभी सवालों के जवाब दिए हैं, यह त्रुटियों का पता लगाता है और इसे सुधारता है, अपना चालान बनाता है, फ़ाइल रिटर्न GST आपको इसके साथ मदद करेगा।

3। Bank Reconciliation: टैली ऑटो बैंकिंग लेनदेन को ठीक करता है जो मैन्युअल रूप से गलत दर्ज किया गया था। यह समय बचाने और त्रुटि से बचने में मदद करता है। पोस्ट-डेटेड चेक का रिकॉर्ड रखें, नकदी जमा पर्ची जेनरेट करें, प्रिंट चेक करें और बैंक में किए गए कई अन्य काम टैली में किए जा सकते हैं।

4। Quick Decisions: बढ़ते व्यवसाय को भी एक महान गति के रूप में करने का निर्णय लेने की आवश्यकता है। टैली आपको रिपोर्ट प्राप्त करने में मदद करती है जो आपकी निर्णय प्रक्रिया को त्वरित बनाती है। व्यापार बकाया, स्टॉक उम्र बढ़ने विश्लेषण, लागत अनुमान, लाभप्रदता विश्लेषण और कई अन्य तरह की रिपोर्ट।

5। Grow Business: त्वरित निर्णय आपके व्यवसाय को बढ़ाने में भी मदद करेगा और एक बार आपका व्यवसाय बढ़ने के बाद भी जटिल बनना शुरू हो जाएगा। टैली आपको उन जटिल जरूरतों को सरल तरीके से ले जाने में मदद करता है। आप सूची, पेरोल, विनिर्माण, बैंकिंग और बहुत कुछ शुरू कर सकते हैं।

6। Secured Data: टैली अपने वित्तीय डेटा को उन कुंजी प्रदान करके रखती है जिन्हें आप स्वयं उत्पन्न कर सकते हैं और केवल आप डेटा तक पहुंच सकते हैं। आपका डेटा दूषित होने से कभी खो नहीं जाता है।

7। An eye on your business all over the world: आप अपने व्यापार को दुनिया में कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका व्यवसाय कहां स्थित है। टैली सॉफ़्टवेयर में आपके डेटा को सिंक्रनाइज़ करके दो से अधिक व्यवसाय संचालित किए जा सकते हैं।

8। Manage Client data: अपने क्लाइंट डेटा को आसानी से टैली में स्थानांतरित करें। आपको फिर से काम करना शुरू करने की आवश्यकता नहीं है। आपके ग्राहक की सभी पुस्तकें एक ही फाइल में उपलब्ध हैं। डेटा में आपके या आपके क्लाइंट द्वारा किए गए परिवर्तन एक दूसरे के साथ निर्यात या आयात किए जा सकते हैं

9। Speed up Audit Report generation: ट्रेल बैलेंस, लाभ और हानि वक्तव्य और बैलेंस शीट की मैन्युअल रूप से तैयारी करने में समय लगेगा और फिर रिपोर्ट बनाने में हमारे समय की अधिक मात्रा होगी। लेखांकन कार्य कुछ लेन-देन चुनकर आसान बना दिया जाता है और प्रत्येक वाउचर पर नजर रखकर अपनी प्रगति को ट्रैक किया जाता है।

10। Consultancy: त्वरित रिपोर्ट प्राप्त करना, वित्तीय विवरणों के पक्षियों के नजरिए को प्राप्त करना व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करता है जो अप्रत्यक्ष रूप से आपके ग्राहकों को परामर्श प्रदान करता है।

Getting functional with Tally – What is Tally


टैली क्या है यह जानना हमें इसके बारे में जानना और उत्सुक बनाता है कि इसके साथ काम करना शुरू करें। या सवाल आपके दिमाग में पॉप हो सकता है कि टैली का उपयोग कैसे करें? खैर, टैली का उपयोग शुरू करने के लिए हमें कदम स्पष्टीकरण द्वारा कदम उठाने की जरूरत है। इस ट्यूटोरियल के चार मुख्य उद्देश्य हैं

1। सॉफ्टवेयर को शुरू करने और छोड़ने का तरीका जानें

2। स्टार्ट-अप घटकों को समझना

3। टैली में स्क्रीन क्षेत्रों के बीच स्विचिंग

4। टैली छोड़ना। ERP 9

टैली के साथ काम करना शुरू करने के लिए आपको नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा:

1। सॉफ्टवेयर को शुरू करने और छोड़ने का तरीका जानें

Click on Start > Program > Tally।ERP 9 > Tally। ERP 9

OR

डेस्कटॉप पर Tally।ERP 9 आइकन पर डबल क्लिक करें।

(सॉफ़्टवेयर लोड होने पर स्वागत स्क्रीन दिखाई देती है। स्वागत स्क्रीन सॉफ़्टवेयर का नाम दिखाती है Tally।ERP 9 – सरलता की शक्ति।) इस प्रकार आप अपना Tally।ERP 9 सॉफ्टवेयर शुरू करना सीखते हैं।

2। स्टार्ट-अप घटकों को समझना

टैली की प्रारंभिक स्क्रीन। नीचे दिखाए गए अनुसार ERP 9 सॉफ्टवेयर दिखाई देता है। प्रारंभिक स्क्रीन को Gateway of Tally स्क्रीन के रूप में भी जाना जाता है। इस स्क्रीन के माध्यम से आप केवल गहराई से प्रवेश करने और संचालन करने में सक्षम हैं। टैली स्क्रीन का गेटवे आठ वर्गों या घटकों में बांटा गया है।

Title Bar: यह बार स्क्रीन के शीर्ष पर है। हम संस्करण संख्या, सिस्टम दिनांक और समय और Tally।ERP 9 का क्रम संख्या देखते हैं।

Horizontal Button Bar: क्षैतिज बटन बार शीर्षक बार के नीचे स्क्रीन के शीर्ष पर है। क्षैतिज बटन बार में 10 बटन हैं। प्रत्येक बटन का विस्तार स्पष्टीकरण निम्नानुसार है:

a। Print Button: प्रिंट बटन क्षैतिज बटन बार में देखा जाने वाला पहला बटन है। इस बटन का उपयोग करने के लिए शॉर्टकट ALT + P है। यह बटन तब कार्य करता है जब आप अपने खाताधारक खाते या किसी अन्य फ़ाइल को मुद्रित करना चाहते हैं।

b। Export Button: क्षैतिज बटन बार में प्रिंट बटन के बगल में निर्यात बटन। इस बटन का उपयोग करने के लिए शॉर्टकट कुंजी ALT + E है। यह बटन तब कार्य करता है जब आप अपने खाते या फ़ाइल को अन्य स्थान पर निर्यात करना चाहते हैं।

c। E-mail Button: प्रिंट बटन के बाद तीसरा बटन ई-मेल बटन है। ई-मेल बटन का उपयोग आपके दस्तावेज़ को तीसरे पक्ष या अपने आप को मेल करने के लिए किया जाता है। इस बटन का उपयोग करने के लिए शॉर्टकट ALT + M है।

d। Upload Button: क्षैतिज बटन बार में यह बटन चौथा बटन है। इस बटन का उपयोग तब किया जाता है जब आप कुछ प्रविष्टियों को टैली में अपलोड करना चाहते हैं। इस बटन का उपयोग करने के लिए शॉर्टकट ALT + 0 है।

उपरोक्त चार बटनों का उपयोग तब नहीं किया जा सकता जब आपने टैली के उपयोग के साथ शुरुआत की हो।

Shop: पांचवां बटन क्षैतिज बटन बार में टैली शॉप बटन है। इस बटन का उपयोग करने के लिए शॉर्टकट ALT + S। है। यह बटन आपको अपने चालान को अनुकूलित करने और कई अन्य लोगों को अनुकूलित करने में सहायता करता है। यह बटन एक ऐड-ऑन है।

Language: भाषा बटन उस सॉफ़्टवेयर का नाम दिखाता है जिसका उपयोग सॉफ्टवेयर कर रहा है। शॉर्टकट कुंजी एएलटी + जी है।

Keyboard: इस बटन का उपयोग कीबोर्ड की भाषा का चयन करने के लिए किया जाता है। अलग-अलग भाषाएं भाषा का चयन करती हैं। इस फ़ंक्शन का उपयोग करने के लिए शॉर्टकट ALT + K है।

Control center: इस बटन का उपयोग खाता प्रबंधन में कार्य करने के लिए किया जाता है। आपको खाता प्रबंधन के लिए नियंत्रण केंद्र में लॉगिन करने की आवश्यकता है। इस बटन का उपयोग करने के लिए शॉर्टकट कुंजी CTRL + K है।

Support center: यह बटन तब कार्य करता है जब आप एक्सेस, क्वेरीज और रिज़ॉल्यूशन स्थिति पर ट्रैक रखने के लिए समर्थन चाहते हैं। इस फ़ंक्शन का उपयोग करने के लिए शॉर्टकट कुंजी CTRL + H है।

Help: यह बटन टैली ईआरपी 9 तक पहुंचने में सहायता प्रदान करता है। यह आपको ऑनलाइन-संवेदनशील सहायता प्रदान करता है। इस फ़ंक्शन का उपयोग करने के लिए शॉर्टकट कुंजी ALT + H है।

Main Area: मुख्य क्षेत्र वह स्थान है जहां वास्तविक कार्य किया जाता है। हम देख सकते हैं कि मुख्य क्षेत्र दो में विभाजित है:

Left – Hand side area: बाएं तरफ क्षेत्र वर्तमान अवधि, वर्तमान अवधि और चयनित कंपनियों की सूची के बारे में जानकारी प्रदान करता है। हम कंपनी का नाम और उस तारीख को भी देख सकते हैं जब अंतिम प्रविष्टि की गई थी।

Right – Hand side area: दाहिने तरफ क्षेत्र कंपनी सूचना मेनू जैसे कंपनी का चयन करें, कंपनी बनाएं, बैकअप कंपनी, पुनर्स्थापित कंपनी, लॉगिन और छोड़ें।

Close Button: यह बटन Tally।ERP 9 को छोड़ने या बंद करने के मानक फ़ंक्शन को कार्य करता है और अन्य अनुप्रयोगों पर काम करता है। पुनर्स्थापित करने के लिए हम टास्कबार पर Tally।ERP 9 आइकन पर क्लिक करेंगे। यह बटन क्षैतिज बटन बार के नीचे स्थित है। बंद करने के लिए शॉर्टकट कुंजी CTRL + एम है।

Info। Panel: सूचना पैनल स्क्रीन के नीचे दिखाई देता है। इन्फो पैनल 5 ब्लॉक में विभाजित है। पहले चार ब्लॉक आपको महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं और अंतिम ब्लॉक कैलकुलेटर क्षेत्र है। सूचना पैनल को छिपाने के लिए (x) बटन पर क्लिक करें। सूचना पैनल को खोलने के लिए हरे रंग के रंग बैंड के बीच में सूचना पैनल या (^) में कहीं भी क्लिक करें।

Calculator Area: इस फ़ंक्शन का उपयोग कार्यों की गणना के लिए किया जाता है। उपयोग की जाने वाली शॉर्टकट कुंजी CTRL + N है।

Task Bar: टास्क बार सूचना पैनल से नीचे है। यह बार संस्करण दिनांक और समय और संचालन प्रदान करता है जो किया जा रहा है।

Vertical button bar: वर्टिकल बटन बार हमें टैली में त्वरित इंटरैक्शन बटन प्रदान करता है। ईआरपी 9 जो कार्य के लिए प्रासंगिक हैं। यह बटन बार स्क्रीन के दाईं ओर है। यह लंबवत प्रदर्शित होता है। इस पैनल का रंग गहरा हरा है।

3। टैली में स्क्रीन क्षेत्रों के बीच स्विचिंग

स्क्रीन क्षेत्रों के बीच स्विचिंग का मतलब मुख्य क्षेत्र और कैलकुलेटर क्षेत्र के बीच टॉगल करना है। स्क्रीन में प्रदर्शित स्क्रीन क्षेत्रों के बीच टॉगल करने के लिए CTRL + N या CTRL + M दबाएं। हरा बार इंगित करता है कि कौन सा स्क्रीन क्षेत्र सक्रिय है।

4। टैली छोड़ना। ERP 9

टैली को छोड़ने या बंद करने के लिए। ईआरपी 9 हमें यह जांचना होगा कि सभी स्क्रीन बंद हैं या नहीं। ऐसे 3 तरीके हैं जिनके माध्यम से आप इस कार्यक्रम को छोड़ सकते हैं।

a। ईएससी को दबाए रखने पर कीबोर्ड को तब तक रखें जब तक यह संदेश प्रदर्शित न हो जाए? हाँ या ना? प्रेस वाई या एंटर दबाएं या हां पर क्लिक करें।

b। पुष्टिकरण संदेश प्राप्त किए बिना बाहर निकलने के लिए गेटवे ऑफ़ टैली से CTRL + Q दबाएं।

c। कंपनी जानकारी में विकल्प छोड़ने के दौरान हम केवल एंटर दबा सकते हैं। वाई दबाएं या फिर से एंटर करें या प्रोग्राम छोड़ने के लिए हाँ पर क्लिक करें।

इस ट्यूटोरियल में हमने टैली को खोलने और बंद करने के बारे में सीखा है। ईआरपी 9। हमने टैली में विभिन्न कार्यों के बारे में भी सीखा। ईआरपी 9। यह समझाया गया है कि स्क्रीन में दिखाई देने वाले प्रत्येक घटक की स्क्रीन कैसी दिखती है और विस्तार से स्पष्टीकरण कैसे मिलता है।


Limitations of Tally – What is Tally?

यह दुनिया कुछ भी सीमित नहीं है। सब कुछ इसकी सीमा है। इसी तरह टैली भी इसकी सीमा है। टैली में सीमाएं हमारे द्वारा उपयोग किए जा रहे संस्करण पर बहुत निर्भर करती हैं। यदि आप टैली के एक मुफ्त संस्करण का उपयोग कर रहे हैं तो आपको कुछ सीमाओं का सामना करना पड़ेगा जैसे: स्वचालित बैंक सुलह में कमी, मल्टी-अकाउंट प्रिंटिंग, डेटा सिंक्रनाइज़ेशन में कमी, रिमोट डेटा एक्सेस में कमी।


भुगतान संस्करण में, अनुकूलन संचालन सीमित हैं। आपको एक समय में एक से अधिक लेजर के लिए काम करने की अनुमति नहीं देता है या एकाधिक पीसी पर एक ही स्क्रीन खोलने की अनुमति नहीं देता है।


लेकिन इस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करने के तरीके को समझने से पहले और बहुत कुछ आप Accounting के मूल को जानते हैं। (Accounting Principles, Concepts, and Conventions, Double Entry System of Book Keeping, Different types of accounting, Rules of Accounting, Mode of Accounting और Financial Statement।)


हिंदी में टैली यही है। एक सॉफ्टवेयर जो समझने और काम करने के लिए बहुत आसान है। इसके अलावा, भारत के अलावा 100 से अधिक देशों में एक टैली का उपयोग किया जाता है। व्यक्तिगत खाते से व्यवसाय खाते तक सभी के लिए काम कर सकते हैं। हमारे अगले ब्लॉग में आप के लिए तत्पर हैं!


3. सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग :-

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का आजकल बहुत ट्रैंड चल रहा है क्योकि आज का युग ही टेक्नोलॉजी से भरा है हर चीज में टेक्नोलॉजी आ चुकी है छोटे से कैलकुलेटर से लेकर बड़ी से बड़ी मशीन में तो चलो सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग को समझते है | वर्तमान समय में बच्चे से लेकर बड़े व्यक्तियों तक सभी बहुत Advance हो गए है और इसका सबसे बड़ा कारण नई-नई Technology का आना है। आज हर कोई कंप्यूटर लैपटॉप के बारे में जानता है और उनको Use भी करता है। कंप्यूटर लैपटॉप Use करते समय आपने उनमें कई Software Use किये होंगे। तो आपके दिमाग में कभी ना कभी ये सवाल ज़रूर आया होगा की यह Software कौन बनाता है। 

इसी सवाल के जवाब के साथ आज हम आपके लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियर के बारे में जानकारी लाये है।


सॉफ्टवेयर इंजीनियर वह होता है जो कंप्यूटर लैपटॉप आदि क्षेत्र में नई-नई Technology बनाता है। जिसका Use करके हम अपने काम बड़ी आसानी से कर पाते है। एक Software Engineer बनना कोई आसान काम नहीं है इसके लिए आपको Software Engineer Ki Padhai करना होती है।


Software Engineering Kya Hai

Software Engineer को हम Software Developer भी कह सकते है। इसका मुख्य काम Computer, Laptop, Mobile के लिए Apps और Program बनाना है। जब भी इन चीजों में कोई नई App या प्रोग्राम आता है तो उसे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर द्वारा ही बनाया जाता है और उसमे कोई समस्या आने पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ही उसे ठीक कर पता है, क्योंकि इनमें जिस लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है उन्हें हर कोई नहीं समझ सकता है।



Software Engineer Kaise Bane

किसी भी फ़ील्ड में इंजीनियर बनने का सीधा सा मतलब है की आपको उस फ़ील्ड में काम करना पसंद है और बात करें सॉफ्टवेयर इंजीनियर की तो इसके लिए आपको Computer, Laptop, Mobile आदि Technology में रूचि होना चाहिए। यह Skill आपको एक अच्छा सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने में मदद करेंगी। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको Basically Software Engineering Course करने होंगे।


यहाँ पर आपको प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर बनाने में जिस लैंग्वेज का Use होता है उन लैंग्वेज का अच्छा ज्ञान होना चाहिए, अन्यथा आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर कभी नहीं बन पाएँगे। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के कोर्स में आपको वह सभी लैंग्वेज सिखाई जाती है जो नीचे हम आपको बता रहे है।



  • C Language
  • C++ Language
  • MATLAB
  • (.)Net
  • Java
  • SQL
  • Ruby
  • पाइथन

सॉफ्टवेर इंजिनियर कैसे बने Software Engineer कोर्स सैलरी


आज के समय में टेक्नोलॉजी दिन-प्रतिदिन बहुत तेजी से बढ़ रही है और दिन प्रतिदिन कंप्यूटर और मोबाइल का इस्तेमाल बहुत बढ़ता जा रहा हैऔर इनके अंदर सबसे ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है इंटरनेट के आने से बहुत से काम ऐसे थे जिनको करने में कई दिन लगते थे और अब वह काम इंटरनेट के जरिए बहुत ही जल्दी किए जा सकते हैं


आज के समय में आपको हर किसी के पास स्मार्ट फोन या लेपटॉप या मिल जाएगा और इनमें सबसे ज्यादा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है अगर आपके लैपटॉप या स्मार्ट फोन में सॉफ्टवेयर नहीं होंगे तो आप कुछ भी नहीं कर सकते क्योंकि लैपटॉप या स्मार्टफोन आप सॉफ्टवेयर के द्वारा ही काम कर सकते हैं इसमें आप फोटो एडिटिंग प्लेयर वीडियो प्लेयर और भी बहुत से काम अपने स्मार्ट फोन और लैपटॉप में सॉफ्टवेयर के द्वारा करते हैं.


आज के समय में बच्चे ऐसे हैं जो कंप्यूटर लेपटॉप या स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं और उनमे से कुछ बच्चो का सपना होता है. की वो आने वाले समय में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बने.और एक अच्छे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन के आने वाले समय में बहुत पैसा कमा सके लेकिन सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना कोई आसान काम नहीं है इसके लिए आपको दिन रात मेहनत करनी पड़ती है इसके लिए आपको कॉमर्स और कंप्यूटर साइंस जैसे से जुड़े विषयों को पढ़ना होता है.और इसके लिए एमसीए यानी मास्टर्स इन कम्प्यूटर ऐपलिकेशन का कोर्स भी करना होता है.


यदि आप भी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं तो इस पोस्ट में आपको सॉफ्टवेर डाउनलोड सॉफ्टवेर डाउनलोड सॉफ्टवेर इन हिंदी सॉफ्टवेर ऑफ कंप्यूटर सॉफ्टवेयर क्या है सॉफ्टवेयर कैसे बनाते हैं सॉफ्टवेयर के प्रकार सॉफ्टवेर मीनिंग इन हिंदी सॉफ्टवेर अप्प सॉफ्टवेर किसे कहते हैं सॉफ्टवेयर बनाना सॉफ्टवेर सॉफ्टवेयर इंजीनियर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे.

सॉफ्टवेर इंजिनियर क्या होता है

सबसे पहले आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या होता है सॉफ्टवेयर इंजीनियर का क्या काम होता हैजब भी किसी भी लैपटॉप का समर्थन के लिए कोई नहीं बनती है तो वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर द्वारा ही मनाई जाती है और अगर उसमें बाद में कोई दिक्कत होती है तो उसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर ही ठीक करता है. जो भी नई ऐप स्मार्ट फोन या लेपटॉप के लिए बनाई जाती है तो उसके बारे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर को उसकी सारी जानकारी होती है.यह सॉफ्टवेयर डेवलपर भी कहा जाता है.


सॉफ्टवेर इंजिनियर (Software Engineer) कैसे बने

किसी भी क्षेत्र में इंजीनियर बनने के लिए आपको उससे संबंधित पढ़ाई करनी पड़ती है उससे संबंधित कोर्स करना पड़ता है और उसी से संबंधित आपको प्रैक्टिस भी करनी पड़ती है तभी आप उस क्षेत्र के इंजीनियर बन सकते हैं इसी तरह आपको अगर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना है तो आपको सॉफ्टवेयर से संबंधित पढ़ाई करनी होगी कोर्स करना होगा और प्रैक्टिस तो बहुत ज्यादा करनी होगी तो नीचे आपको कुछ Point में बताया गया है कि आप को क्या क्या करना होगा.


1. कंप्यूटर में बैचलर डिग्री करे

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग बनने के लिए आपको कई अलग-अलग तरह के कोर्स करने आते हैं जैसे ही कंप्यूटर बैचलर का कोर्स और इसके साथ ही कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (Computer Science Engineering) , बीसीए (BCA) , बैचलर ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (Bachelor Of Information Technology) आदि कोर्स करने होते हैं यदि आपने सभी कोर्स किए हैं तो आप एक अच्छे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं और आने वाले समय में अच्छे पैसे कमा सकते हैं और आप अपना खुद का भी सॉफ्टवेयर बना सकते हैं.


2.कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखे

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको सबसे पहले कंप्यूटर की भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए जैसे की C लैंग्वेज , C++ , Java , पाईथन , सी शार्प इत्यादि क्यों की बिना कंप्यूटर लैंग्वेज के आप किसी भी सॉफ्टवेर को नहीं बना सकते है जब आप अगर आप कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (Computer Science Engineering) , बीसीए (BCA) , बैचलर ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (Bachelor Of Information Technology) जैसे कोर्स करते हैं तो आपको इन सभी भाषाओं के बारे में पढ़ाया भी जाता है.
इसलिए आपको इन सभी भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए क्योंकि अगर आपके पास कंप्यूटर की भाषा का ज्ञान नहीं है तो आप उस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं इसके साथ साथ आपको कंप्यूटर की अन्य चीजों के बारे में ज्ञान होना भी बहुत ही जरूरी है और आप जो भी नहीं ऐप बना रहे हैं उसके बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए उसके बाद ही आप ऐप डेवलप करें. क्योंकि अगर आपके पास उस ऐप के बारे में पूरी जानकारी नहीं होगी तो आप दूसरे लोगों को उसका इस्तेमाल करने के बारे में नहीं बता पाएंगे जिससे कि लोगों को उसको इस्तेमाल करने में बहुत दिक्कत होगी.


  1. C लैंग्वेज सीखे
  1. C++ लैंग्वेज सीखे
  1. Java लैंग्वेज सीखे
  1. C शार्प लैंग्वेज सीखे
  1. Python, Ruby Or Perl सीखे
  1. Ocaml, Haskell, Scala सीखे
  1. Smalltalk सीखे
  1. SQL सीखे
  1. Prolog सीखे


3. इंटर्नशिप के लिए अप्लाई करे

जब आप कंप्यूटर साइंस की डिग्री का कोर्स पूरा कर लेते हैं और कोर्स पूरा करने के बाद जैसे ही आप धीरे-धीरे सॉफ्टवेयर बनाने की कोशिश करते हैं तो उसके बाद आपको इंटरशिप के लिए जाना चाहिए क्योंकि इससे आपको कंप्यूटर कोडिंग स्किल्स और भाषा के बारे में और ज्यादा जानकारी होगी इससे आपको पता चलेगा कि कैसे एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जाता है और ऐसा करने से धीरे धीरे आपका सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मैं एक्सपीरियंस बढ़ता जाएगा और ऐसे आप धीरे-धीरे एक अच्छे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं.


4. कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर डिग्री करे

एक प्रोफेशनल सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन के उसके साथ अच्छी पैसे कमाना चाहते हैं तो आप कंप्यूटर में मास्टर की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं इसके लिए आप इन कंप्यूटर साइंस (MCS) , मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (MCA) इत्यादि. इन कोर्स को करने के बाद आपको एक अच्छी कंपनी में जॉब भी मिल सकती हैं. इन कोर्स को करने के बाद आपको एक अच्छी कंपनी में जॉब भी मिल सकते हैं दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट है इसमें लगभग 34% भारतीय इंजीनियर काम करते हैं.


इसके बाद इंटेल, आयबीएम, नासा, गूगल, इन कंपनियों में भी भारत के बहुत से इंजीनियर काम करते हैं यदि आप एक अच्छे इंजीनियर जाते हैं. तो उसके बाद आज के समय में सॉफ्टवेयर इंजीनियर व सॉफ्टवेयर कंपनियां लाखो-करोडो रुपये की कमाई कर रहे है।
जानकारी के अनुसार पता चला है की ज्यादातर सॉफ्टवेयर इंजीनियर किसी Company में या Government Department में काम न करते हुए खुद के उद्योग करते है। सुरुवात में वो भी कम्पनी में या सरकारी डिपोर्टमेंट में जॉब करते है लेकिन कुछ समय बाद वो जॉब मुक्त होकर खुद के Business करते है.


5. प्रोगाम्मिंग लॉजिक को अच्छा बनाये

यदि आप एक अच्छे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं तो उसके लिए आप का लॉजिक स्ट्रांग होना बहुत ही जरुरी है जितने भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर होते हैं उनके अंदर लॉजिक होता है.जब भी आप कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (Computer Science Engineering) , बीसीए (BCA) , बैचलर ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (Bachelor Of Information Technology) कोर्स करते हैं तो उनमें आपको लॉजिक के बारे में सिखाया जाता है इसलिए आप जब कोर्स करते हैं तो उनको ध्यान पूर्वक पढ़े.


6. हर रोज Practice करे

जब आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (Computer Science Engineering) , बीसीए (BCA) , बैचलर ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (Bachelor Of Information Technology) कोर्स करते हैं तो आप को कंप्यूटर की भाषा उसकी कोडिंग स्किन आदि के बारे में पढ़ाया जाता है जब आप इन कोर्स को पूरा करते हैं तो आपको धीरे धीरे इनकी कोडिंग भाषा और उसकी आदि के बारे में ज्ञान हो जाता है क्योंकि इन सभी में ही सॉफ्टवेयर बनाने के बारे में आपको बताया जाता हैतो जब आपको उन का ज्ञान हो जाए तो आप धीरे-धीरे सॉफ्टवेयर बनाने की कोशिश कर सकते हैं.


सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग सैलरी

सॉफ्टवेयर इंजीनियर आज के समय की सबसे बढ़िया जॉब मानी जाती है और इसकी सैलरी भी काफी अच्छी होती है. जिस भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 10 साल से कम काम का अनुभव है उनकी सालाना कमाई 5 लाख के करीब या उससे ज्यादा होती है और यह अलग-अलग कंपनियों पर निर्भर करता है कि वह अपने सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कितनी सैलरी देती है. तो अगर एक हम फ्रेश सॉफ्टवेयर इंजीनियर की बात करें तो वह कंपनी पर निर्भर करेगा कि उसे कितनी सैलरी मिलेगी. और अगर आप एक अनुभवी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है तो आपकी सैलरी

30 से 40 हजार 1 महीने की होगी.

1 comments:

Unknown said...

Yes apne telant par rahe tosambav h