Opening Balance in Tally Prime||टैली में ओपनिंग बैलेंस कैसे लगाए ||
Friday, October 20, 2023
Tally Groups 28
*Detailed about the predefined group in Tally.
1. Capital Account:
It’s a primary group, Liability in nature. It displays in liabilities group balance sheet. It useswhen any person worth amount of money in businesses or start up. The businesses person
Account going under this. It includes Capital A/c, Drawing A/c, Partners Capital A/c., Share Capital
etc.
2. Loans (Liability):
It’s a primary group, Liability in nature. It displays in Liabilities group balance sheet. It keepsan account of the Loans taken by the Company. Then loan given party account going under this.
3. Current Liabilities:
It’s a primary group, Liability in nature. Liabilities displays in group balance sheet. It holds theOutstanding Liabilities, Statutory Liabilities, and some other minor liabilities. Liabilities such as PF,
TDS, and ESI also fall under this Group.
It includes:-
a) Duties and taxes
b) Provision
c) Sundry creditors
4. Fixed Assets:
It’s a primary group, Assets in nature. It displays in Assets group in balance sheet. It useswhen we maintain accounting for fixed Assets. Ex….furniture, machine, home, vehicle...Etc.
5. Investments:
It’s a primary group, Assets in nature. It displays in Assets group in balance sheet. It useswhen company capital using in another business. Like bonds, securities, shares.
6. Current Assets:
It contains the following subgroupCash in Hand
Bank Accounts
Deposits (assets)
Loan and Advancement (assets)
Stock in hand
7. Branch / Divisions:
It holds the accounts of all the Sister Concerns, Branches, Divisions, Affiliation, etc. of the existingcompany. This is primary group. When we are maintaining accounts of Head Office which has
various Branches of Divisions under it, create such branch or division accounts under this group
Ex. Vijayawada branch A/c, Hyderabad H.O A/c etc.
8. Miscellaneous Expenses (Asset):
This is a primary group. Create all expense accounts that are not written off to P&L A/c the sameyear in which they are incurred under this group. Such expenditure is written –off proportionally
over a number of years.
Ex. Preliminary expenses lump sum amount paid for obtaining copyright or technical know-how.
9. Suspense Account: संधेही खाता
This account is opened when trail balance does not match and some discrepancy Balance Sheet. It isa Balance Sheet item and shown either an asset or balance sheet side.
10. Sales Account:
Such as sales a/c and sales returns account. It holds the different Sales Accounts.11. Purchase Account:
It holds the accounts related to purchase.
Practical:
1. **Practice Back 2 days Practical.
12. Direct Income: आय
An account of the direct income is opened like income due to sales of service generally used inprofessional service. A Professional Service provider generally used to open an account as
Professional Fees instead of Sales Account, under this Group.
13. Direct Expenses: वयय
It has factory related expense or generally direct expenses the direct trading expenses of the factory,like Wages paid to Labors, Transportation, Electricity Bill.
14. Indirect Income:
It is an account of non-sale indirect income, like income from Rent Received, Commissions Received,
Interest Received, etc.
15. Indirect Expenses:
Expenses incurred in the administrative building, like Salary A/c, Maintenance of Vehicle, etc.16. Reserve and surplus: (retained Earning)
It is name for reserve and surplus accounts. Such as Capital reserve, general Reserve another, Profitand loss account, reserve for depreciation, Reserve for income tax.
17. Bank OD Accounts [Bank OCC Accounts:
Bank OCC is the alias name for Bank OD Accounts. It holds Over Draft Account like Bill DiscountingAccount, etc. of the Bank.
18. Secured Loan:
It holds the accounts of the loans taken by the company from Banks and other Financial Bodies bymortgaging its Fixed Assets. It is a secured loan so it has to be returned from the fixed asset of the
company even if the company fails.
19. Unsecured Loans: -
obtained from Partners / Directors or outside parties.
20. Duties and taxes:
Ex… VAT, Sale-Purchase Tax, Central Tax.
21. Provision:
22. Sundry Creditors:
23. Stock in hand:
of Inventory management.
24. Deposits (assets):-
by the company.
25. Loan and Advancement (assets):-
trading. Example salary advance, advance for purchase of fixed assets etc.
26. Sundry Debtors: -
27. Cash in hand: -
28. Bank Accounts: -
Account
Golden Rules of accounting
Golden Rules Of Accounting ?
लेखांकन के 3 सुनहरे नियम | 3 Golden Rules of Accounting in Hindi
लेखांकन के 3 सुनहरे नियम (3 Golden Rules of Accounting in Hindi) वित्तीय व्यवसाय लेनदेन (Financial Transaction) के लिए दिन प्रतिदिन दर्ज (Day to Day Record) करने का आधार हैं।
जिस पुस्तक या खाते में हम इन सभी लेनदेन (Transaction) को दर्ज करते हैं उसे जर्नल बुक (Journal Book) के रूप में जाना जाता है।
जर्नल बुक (Journal Book) को कालानुक्रमिक क्रम में रखा गया है (अर्थात दिनांक वार / Date wise)।
खाते के सुनहरे नियमों (Golden Rules of Accounting in Hindi) को समझने के लिए, पहले, हमें खातों के प्रकार (Types of Account) को जानना होगा क्योंकि खाते के प्रकार के आधार पर लेनदेन के लिए नियम लागू होते हैं।
Types of Account in Hindi |
लेखांकन के सुनहरे नियमों के अनुसार, खातों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
Personal Account (व्यक्तिगत खाता) | Real Account (वास्तविक खाता) | Nominal Account (नाममात्र खाता) | |
Debit | The Receiver (पानेवाले/ प्राप्तकर्ता) | What Comes In (जो आता है) | All Expenses and Losses (सभी खर्चों और नुकसान) |
Credit | The Giver (देनेवाले/ देता) | What Goes Out (जो जाता है) | All Income and Gains (सभी आय और लाभ) |
चलिए इसे थोड़ा और सरल और आसान बनाते है, जिससे इसे समझने मे हमे काफी आसानी होगी।
Who (कौन) Personal Account (व्यक्तिगत खाता) | What (क्या) Real Account (वास्तविक खाता) | Why (क्यों) Nominal Account (नाममात्र खाता) | |
Example (उदहारण) | Firm (व्यवसाय-संघ), Person (व्यक्ति), Company(कंपनी) | Goods (माल), Furniture (फर्नीचर) Money (पैसे) | Interest (ब्याज) Commission (आयोग) Discount (छूट) |
Debit | Receiver (पानेवाला) | Comes In (जो आ रहा है) | For expenses (खर्चो के लिए) |
Credit | Giver (देनेवाला) | Goes Out (जो जा रहा है) | From Income (आय या आमदनी से) |
3 Golden Rules of Accounting in Hindi
लेखांकन (Accounting) में किसी भी प्रविष्टि (entry) को हम इन तीन व्यापक श्रेणियों (3 category) में से किसी एक के अंतर्गत ही दर्ज करते है:
- क्या (Real / वास्तविक),
- कौन (Personal / व्यक्तिगत) और,
- क्यों (Nominal / नाममात्र)।
इसलिए मूल रूप से, यह बताता है कि:
- Nominal Account: लेनदेन क्यों (Why) हुआ है;
- Real Account: क्या (What) वस्तुएं बाहर आ रही हैं या बाहर जा रही हैं।
- Personal Account: कौन (Who) प्राप्त कर रहा है या दे रहा है।
उदाहरण के लिए, आपने 25,000 नकद देकर कंप्यूटर खरीदा।
यहां, आप एक कंप्यूटर प्राप्त कर रहे हैं, इसलिए इसे Debit किया जायेगा, और नकद को Credit किया जाना चाहिए क्योंकि यह बाहर जा रहा है।
इसे तर्क के आधार पर समझते है, सरल भाषा में कंप्यूटर खरीद का उपरोक्त लेनदेन (Transactio) बन जाता है।-
क्या खरीद? – Computer (कंप्यूटर), इसलिए Debit हो गया।
क्या अदा किया? – Cash रुपये, इसलिए Cash को Credit किया गया।
इसके बारे में सुनिश्चित करने के लिए एक और उदाहरण लेते हैं। नकद में 5,000 का बिजली बिल भुगतान किया।
पैसा क्यों चुकाया गया? – बिजली खर्च के लिए, इसलिए बिजली को Debit किया गया।
क्या अदा किया? Cash रुपये, इसलिए कैश को Credit किया गया।
अगली बार जब आप Debit और Credit के बारे में उलझन में हों, तो बस याद रखें क्या, कौन और क्यों।
Debit and Credit Golden Rules of Accounting in Hindi
चलिए अब इसे विस्तार में सझते है।
क्या आप अभी भी Debit और Credit के बारे उलझ गए हो?
अगर हां, आप में से कुछ की तरह, यहां तक कि मैं भी अपने शुरुआती दिनों में हैरान था।
इसमें उनलझने जैसी कोई बात नहीं शुरुवात में थोड़ी परेशानी हर किसी को आती है।
लेकिन नीचे कुछ तर्क और नियमो का पालन करने के बाद, हम डेबिट और क्रेडिट पर अपनी समझ कायम कर पाएंगे और उसके बाद, हम इसका हर बार सही ढंग से इस्तेमाल करेंगे।
लेखांकन के सुनहरे नियमों (Golden Rules of Accounting) के साथ शुरुआत करने के बजाय, हमें निचे दिए गए Debit और Credit को Table में समझने की कोशिश करेंगे
Debit | Credit |
Positive (+) (सकारात्मक (+)) | Negative (-) (नकारात्मक (-)) |
Come (आनेवाला) | Go (जानेवाला) |
Receive (प्राप्त करना) | Give (देना) |
Receiver (प्राप्त करनेवाला) | Giver (देनेवाला) |
Deposit (जमा करना) | Withdraw (निकालना या लेना) |
Increasing (बढना या बढ़ रहा है) | Decreasing (घटना या घट रहा है) |
Tally Prime With GST Returns Course in Hindi
उपरोक्त Table से, यह स्पष्ट है कि यह अब न तो एक सिद्धांत है और न ही एक उलझने वाले विषय है – यह सिर्फ तर्क और तर्क है। संक्षेप में – डेबिट आनेवाला/ जमा के बारे में है और क्रेडिट सभी जानेवाला / निकासी या निकालने के बारे में है।
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निष्कर्ष: आपने क्या सीखा?
आज के इस आर्टिकल मे आपने 3 Golden Rules of Accounting in Hindi मे सीखा। जिसमे आपने Personal, Real और Nominal Account के बारे मे जाना। Account मे इन 3 accounts के अंदर किस तरह की एंट्री दर्ज की जाती है उसकी जानकारी प्राप्त की।
3 Golden Rules of Accounting in Hindi को सीखने के बाद आपको Tally के Vouchers मे एंट्री पास करने मे बड़ी आसानी होती है।